बिहार में चमकी बुखार से गई अब तक 145 बच्चों की जान, ऐसे शुरू हुआ था सिलसिला

बिहार में चमकी बुखार से गई अब तक 145 बच्चों की जान, ऐसे शुरू हुआ था सिलसिला Latest News, Noida News, Hindi News, UP 75, Latest Breaking News, Online News, Hindi News, Hindi Samachar, Breaking News, Hindi Khabar, Noida News Today, Noida News in Hindi,
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बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार की वजह से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 145 हो गई है।

बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार की वजह से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 145 हो गई है। अकेले मुजफ्फरपुर में 127 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं पूरे बिहार में 145 बच्चे जान गंवा चुके हैं। इसे लेकर सोशल मीडिया और पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। केंद्र और राज्य सरकार स्थिति से निपटने की पूरी कोशिश कर रहे हैं लेकिन अब तक कोई खास सफलता नहीं मिल पाई है और बच्चों की मौत जारी है। मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में सबसे ज्यादा बच्चों की मौत हुई है। अस्पताल में माओं का विलाप देखकर हर किसी का कलेजा फटा जा रहा है।Latest News, Noida News, Hindi News, UP 75, Latest Breaking News, Online News, Hindi News, Hindi Samachar, Breaking News, Hindi Khabar, Noida News Today, Noida News in Hindi,
बता दें कि डॉक्टरों का कहना है कि चमकी बुखार से मौतें रोकी जा सकती हैं। अगर मुजफ्फरपुर जिले में गरीब परिवारों के पास अच्छा खाना, साफ पानी और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। इस बीमारी से बढ़ती मौतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इंसेफेलाइटिस, जिसे दिमागी बुखार भी कहा जाता है, इससे बिहार के 16 जिलों में 600 बच्चे प्रभावित हैं। अब तक इससे 145 बच्चों की मौत हो चुकी है।Latest News, Noida News, Hindi News, UP 75, Latest Breaking News, Online News, Hindi News, Hindi Samachar, Breaking News, Hindi Khabar, Noida News Today, Noida News in Hindi,
वहीं एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से बिहार में साल 2014 में 350 से ज्यादा लोग मारे गए थे। हालांकि यह अब तक पता नहीं चला है कि एईएस फैलने का कारण क्या है। लेकिन कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि बिहार में पिछले एक महीने से पड़ रही भयंकर गर्मी से इसका ताल्लुक है। हालांकि कुछ स्टडीज में लीची को भी मौतों का जिम्मेदार ठहराया गया है। मुजफ्फरपुर लीची के लिए खासा मशहूर है। हालांकि कई परिवारों का कहना है कि उनके बच्चों ने हालिया हफ्तों में लीची नहीं खाई है। डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर पीड़ित गरीब परिवारों से आते हैं जो कुपोषण और पानी की कमी से जूझ रहे हैं।Latest News, Noida News, Hindi News, UP 75, Latest Breaking News, Online News, Hindi News, Hindi Samachar, Breaking News, Hindi Khabar, Noida News Today, Noida News in Hindi,

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